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Saturday, December 13, 2014
लक्ष्मीबाई
लक्ष्मीबाई घर से दफ़्तर और दफ़्तर से घर के बीच जब देखती हूँ मूरत रानी लक्ष्मीबाई की तब मुझको भी लगता है आसान रिश्तों को कांधे पर समेटे हुए मातृत्व को कलेजे से लपेटे हुए वाकर ,स्मिथ ,हूरोज़ जैसो से लड़ना हर मुश्किल में आगे बढ़ना
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