ॠतु गोयल की मानवीय संवेदनाओं से जुडे ब्लाग में आप का स्वागत है
औरतें अपने परों में उड़ान रखती हैं। कहीं जमीं तो कहीं आसमान रखती हैं। हौसले में किसी से कम नहीं होती साहेब। वक्त आने पर हथेली पे जान रखती हैं। ऋतु गोयल
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