Sunday, October 15, 2023

मेरे राम

सिया जी के संग राम,ले रहे हैं सब नाम
नाम बिन झूठी सब कलियुगी माया है
नाम एक सत नाम पूरन करे जो काम
तर गया जिसने भी राम धन पाया है
मुख में हो गर नाम दिल में भी रहे राम
भक्त हनुमान ने ज्यों राम को बसाया है
और चाहे जितनी भी भव्य रामलीला करो
तुलसी से सीखो कैसे राम जी को ध्याया है


राम जी विचार है आचार ,व्यवहार है जी
पूजा व आराधना से राम नहीं मिलते
मंदिर बनाएं चाहे संपदा लुटाएं हम
भाव बिन राम जी ना कभी भी पिघलते
दीनों के दयालु राम कितने कृपालु राम
नाम भर लिखने से पत्थर हैं तरते
शबरी के झूठे बेरों में भी मीठा भाव चखा
यूं ही कोई राम भगवान नहीं बनते





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