साथ काजल के मेरा नूर गया
मैं भी अब खुद में कहां बाकि हूँ
जब से तू मुझसे बहुत दूर गया
तू भी अब मुझसे बहुत दूर गया
तू ही पूजा है तू इबादत है
तू ही तो इक मेरी अमानत है
मेरी आँखों से दूर मत जाना
हर कदम पे तेरी जरूरत है
ख्वाब बिन जैसे कोई नैन नहीं
चांद बिन जैसे कोई रैन नहीं
चाहे शिकवा हो या मोहब्बत हो
बिन तेरे मुझको कहीं चैन नहीं