मुक्तक
जीवन की समस्या के निवारण नहीं होते
हर एक भावना के उचारण नहीं होते
पल -पल को उत्सव की तरह जीना चाहिए
खुशियों को मनाने के कारण नहीं होते
कांटों से हार जाए ,वो गुलाब नहीं है
हो सादगी से दूर वो शबाब नहीं है
दुनिया में बहुत होंगे ताजो -तख़्त शहंशाह
पर आपका जहान में जवाब नहीं है
प्यार है तो फिर सहना होगा
सुख हो या दुःख रहना होगा
नदी को गर बनना है सागर
मुश्किल पथ पर बहना होगा
दो घड़ी को ये बिगड़ लेगा, संवर जाएगा
प्यार का घट अभी रीता है तो भर जाएगा
रात हो दिन हो अंधेरा हो या उजाला हो
वक्त फिर वक़्त है ,आखिर ये गुजर जाएगा
जीवन की समस्या के निवारण नहीं होते
हर एक भावना के उचारण नहीं होते
पल -पल को उत्सव की तरह जीना चाहिए
खुशियों को मनाने के कारण नहीं होते
कांटों से हार जाए ,वो गुलाब नहीं है
हो सादगी से दूर वो शबाब नहीं है
दुनिया में बहुत होंगे ताजो -तख़्त शहंशाह
पर आपका जहान में जवाब नहीं है
प्यार है तो फिर सहना होगा
सुख हो या दुःख रहना होगा
नदी को गर बनना है सागर
मुश्किल पथ पर बहना होगा
दो घड़ी को ये बिगड़ लेगा, संवर जाएगा
प्यार का घट अभी रीता है तो भर जाएगा
रात हो दिन हो अंधेरा हो या उजाला हो
वक्त फिर वक़्त है ,आखिर ये गुजर जाएगा
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