प्यार ज़िन्दगी का श्रृंगार करता है
सब उदासियों को तार -तार करता है
प्यार ज़िंदगी का श्रृंगार करता है
चूड़िया भी प्यार में खनक -खनक बोलती
पायल भी प्यार में रुनक -झुनक डोलती
बिंदिया में सजते हैं जगमग सितारे
नैनों में बसते हैं रंगीं नज़ारे
दर्पण भी खुद की मनुहार करता है
प्यार से अंधेर
को उजास मिलता है
दिल मे दबी चाह को अहसास मिलता
है
प्यार का हर एक पल
नाज़ुक ग़ज़ल है
भावनाओँ की हर एक पाख़ुरी कवल है
भवरे सा प्यार व्यवहार करता है
प्यार ही हवाओं में खुश्बूओ को घोलता
बिन कहे भी दिल की वो अंखियो से
बोलता
प्यार यूं जो सर्द की गुनगुनी सी धूप
है
जिसकी छुअन से निखर जाता रूप है
प्यार निराकार को साकार करता है
Zabardast h ritu
ReplyDeleteSpecially last line
Pyar nirakar KO sakar ......
Zabardast h ritu
ReplyDeleteSpecially last line
Pyar nirakar KO sakar ......
Bahut Sunder
ReplyDeleteJindagi ki sabse sunder Niyamat
आहहहsss....!
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखती हैं आप
प्रणाम