Tuesday, December 16, 2014

स्त्रियाँ




         स्त्रियाँ



तहखानों,तस्वीरों और संदूकों में
छिपा तो लेती हैं बहुत कुछ ...
पर छोड़ नहीं पाती 
इन्हें संभालना ,सजाना 
जब-तब सीने से लगा
 सुबकिया लगाना 
क्यूंकि
स्त्रियाँ अक्सर 
चीज़ें तो रख कर भूल जाया करती हैं 
पर कभी नहीं भूलती 
अपने रिश्ते,यादे , अहसास ..
ताउम्र ,तमाम सांस ...

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