रिश्ते
(१)
घर की एक-एक चीज़ को
कई-कई बार साफ़ करती है वह
शायद इस भ्रम में कि
उनके रिश्तों के दरमियां जमी
धूल साफ़ हो जायं
(२)
वह जो शो पीस सजा है ना
खूबसूरत महंगा सा
ड्राईंगरूम की शोभा बढ़ाने
शुक्र है उसके दरमियां
बारिक दरारें नहीं दिखती
बस सज जाता है मकान
बेशक वहां
न मिट पाती हो थकान
bahut hee arthpoorn gambheer rachnaa
ReplyDeletebadhaai