Saturday, April 6, 2019

मुक्तक (प्रेम पर)

आईना का वो अब गरूर गया
संग काजल के मेरा  नूर गया
मैं भी अब खुद में कहा बाकि हूँ
तू भी अब मुझसे बहुत दूर गया

तू ही पूजा है तू इबादत है
तू ही तो एक मेरी अमानत है
भूल जाऊं तुझे ये नामुमकिन
याद करना तो मेरी आदत है

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