Saturday, April 6, 2019

दो मुक्तक माँ पर

तेरे आँचल में माँ प्यार ही प्यार है।
सब गमों का दुखों का माँ उपचार है।
मैंने देखा नहीं उस भगवान को।
पर सुना है कि तू उसका अवतार है।
            

तूने जीवन दिया तेरा आभार है
इस दुनिया में तू ही मेरा सार है
तेरी आँखों से माँ जब भी गंगा बही
मुझको ऐसा लगा तू ही हरिद्वार है

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