Saturday, April 6, 2019

वे चेरीब्लॉसम,चीड़,जुनिपर

यायावरी के कुछ दृश्य
आँखों में सदा ठहर जाते हैं.....

देवदार,चीड़, जुनिपर के
पत्तों पर लिख आई थी
अपना पता
और
वाशिंगटन में खिले
चेरीब्लॉसम के हर फूल में भी खिला आई थी अपना मन

अब वे मुझे
और मैं उन्हें
अक्सर याद किया करते हैं

कौन होगा मेरे सिवा
जो उन्हें यूँ बेइंतहा प्यार करेगा
और
मुझे कौन इस घने जंगल में भेजेगा
ख़ुश्बू, खिलावट और खूबसूरती
उनके सिवा

कौन सिखाएगा मुझे  पत्थरों के  शहर में
बार-बार
फूल होने का सबब
वो  शऊर वो अदब

ज़िंदा रखे हैं मैंने
इसलिए अब तलक
अपनी रूह में
वो सारे एहसास.....
ताकि
जब-तब
कहीं भी
वो रंग-बिरंगे
चेरीब्लॉसम
देवदार,चीड़,जुनिपर
सब देख सकूं यहीं पर
अपने आस-पास......
                 
                      ऋतु गोयल

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