आईना का वो अब गरूर गया
संग काजल के मेरा नूर गया
मैं भी अब खुद में कहा बाकि हूँ
तू भी अब मुझसे बहुत दूर गया
तू ही पूजा है तू इबादत है
तू ही तो एक मेरी अमानत है
भूल जाऊं तुझे ये नामुमकिन
याद करना तो मेरी आदत है
ॠतु गोयल की मानवीय संवेदनाओं से जुडे ब्लाग में आप का स्वागत है
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