बाबू जी
तुम्हारी दुआ
इतनी असरदार हो जायेगी
मेरे नाज़ो-नखरे उठाएगी
ये सोचा न था
जब दहल उठता था मन
तुम्हारी डाट के डर से बाबू जी
और वो डर इतना जरूरी बन जाएगा
मुझको गलत करने से
अब तक बचाएगा
ये सोचा न था
जब तुम साथ थे मेरे बाबू जी
और दूर हो के भी
तुम करीब हो जाओगे
मेरे हर ज़िक्र में यूं आओगे
ये कब सोचा था
जब जा रहे थे
छोड़ कर
तुम बाबू जी
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