Saturday, December 13, 2014

किताब



   किताब 

मेरी धड़कनो के करीब 
सीने से लग जाती हो 
मेरी तन्हाई में 
सहचरी बन आती हो 
और 
महकता है आज भी 
तुममें यादों का गुलाब 
कितनी प्यारी हो किताब ....


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