पहली बारिश…
झोंके, बूँदे, बारिश, छम -छम
कितने नए -नए से हैं
जैसे मेरी पहली -पहली बारिश हो
महके मन की बहकी -बहकी ख्वाहिश हो
जैसे कोई नई -नई सी लड़की
भीग रही हो पहले -पहले सावन में
वैसे मैं भी मौसम की हर बारिश में
नई -नई हो जाती हूँ मन ही मन में
वो लड़की
पहला -पहला प्यार गुनगुनाती है
और मैं वही पुराना गीत दोहराती हूँ
जैसे नया -नया हो प्यार
पहली -पहली बारिश का
वो लड़की
फूल ,तितली ,गौरैया , बिजली बन जाती है
और मैं ..
सावन के झूलें बन जाती हूँ
वही महक हथेलियों पर रचाती हूँ
पहला -पहला
दर्पण हो जाती हूँ
वो लड़की अब भी मुझमें है
हर सावन में आती है
महकी -महकी
बहकी -बहकी
बिलकुल ताज़ा
बिलकुल वैसी
हर सावन में
भीतर मन में
एक अजब सी ख्वाहिश ले कर
पहली -पहली बारिश ले कर
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