Monday, December 15, 2014

पहली बारिश

      

             पहली बारिश



झोंके, बूँदे, बारिश, छम -छम 
कितने नए -नए से हैं 
जैसे मेरी पहली -पहली बारिश हो 
महके मन की बहकी -बहकी ख्वाहिश हो 
जैसे कोई नई -नई सी लड़की 
भीग रही हो पहले -पहले सावन में 
वैसे मैं भी मौसम की हर बारिश में
नई -नई हो जाती हूँ मन ही मन में 
वो लड़की 
पहला -पहला प्यार गुनगुनाती है 
और मैं वही पुराना गीत दोहराती हूँ 
जैसे नया -नया हो प्यार 
पहली -पहली बारिश का 
वो लड़की 
फूल ,तितली ,गौरैया , बिजली बन जाती है 
और मैं ..
 सावन के  झूलें बन जाती हूँ
वही महक हथेलियों पर रचाती हूँ 
पहला -पहला 
दर्पण हो  जाती हूँ
वो लड़की अब भी मुझमें है 


हर सावन में आती है 
महकी -महकी 
बहकी -बहकी 
बिलकुल ताज़ा 
बिलकुल वैसी 
हर सावन में 
भीतर मन में 
एक अजब सी ख्वाहिश ले कर 
पहली -पहली बारिश ले कर 

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